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सर्व शिक्षा अभियान योजना क्या है ?
सर्व शिक्षा अभियान योजना 2000-2001 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने शुरू की थी | इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के हर बच्चे को शिक्षा देना था |
इसके तहत 6-14 वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा के प्रावधान को मौलिक अधिक के रूप में शामिल किया गया ।
सर्व शिक्षा अभियान को “सभी के लिए शिक्षा” नाम से भी जाना जाता है | इस अभियान के तहत देश के बच्चों को लिए “सब पढ़े सब बढ़े” का नारा भी दिया गया ताकि हर बच्चा स्कूल तक बहुत सके |
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योजान | सर्व शिक्षा अभियान |
किसने शुरू की | श्री अटल बिहारी विजपयी जी ने |
कब शुरु की | 2001 |
उद्धेश | सब भारतीय को शिक्षा देना |
स्टेटस | नेशनल एजुकेशन मिशन के साथ विलय हो गया है |
ऑफिसियल वेबसाइट | ssa.nic.in |
सर्व शिक्षा अभियान योजना के उद्देश्य :
- सर्व शिक्षा अभियान का मुख्य उद्देश्य हर भारतीय को शिक्षा देना है |
- देश के 6 से 14 वर्ष तक के हर बच्चे को अनिवार्य शिक्षा देना इस योजना का मुख्य लक्ष्य है |
- इसके लिए निर्धारित समय 2010 तक प्रारंभिक शिक्षा को उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था |
- भारत सरकार का यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम 86 वें संविधान संशोधन द्वारा प्राथमिक शिक्षा को एक मौलिक अधिकार के रूप मैं निःशुल्क एवं अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना अनिवार्य कर दिया गया है |
- सर्व शिक्षा अभियान समूचे भारत में राज्य सरकार की सहभागिता से चलाया जा रहा है |
- ताकि देश के हर गांव के बच्चों की जरूरतों को पूरा किया जा सकें |
- इसके लिए भारत सरकार ने ग्रामीण बच्चों के लिए 1 किलोमीटर की दूरी में प्राथमिक स्कूल खोले हैं और 3 किलोमीटर की दूरी मे उच्च प्राथमिक स्कूल ( कक्षा 1 से लेकर 8 तक ) की सुविधाएं उपलब्ध कराई जिससे समाज के हर वर्ग अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग के बच्चे भी स्कूलों मे जा सकें |

सर्व शिक्षा अभियान के फायदे :
- सर्व शिक्षा अभियान शुरू करने के तुरंत बाद 2003 तक लगभग सभी बच्चे स्कूल जाने लगे |
- प्राइमरी स्कूलों के लिए संतोष जनक और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मुहैया कराना |
- साल 2007 तक प्राथमिक शिक्षा का5 साल पूरा करना और साल 2010 तक स्कूली शिक्षा का 8 साल पूरा करना ।
- 2007 तक देश के प्राथमिक स्कूलों में सामाजिक अंतर एवं लिंग भेदभाव को समाप्त करना |
- सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों के लिए शिक्षक प्रशिक्षण |
- साल 2010 तक भारत में सार्वभौमिक रूप से सर्व शिक्षा अभियान चलाना जिससे देश के सभी बच्चों को शिक्षा मिल सके ।
- बालकों के साथ बालिकाओं को भी शिक्षा दिलाना |
सर्व शिक्षा अभियान योजना के विशेषताएँ :
नए स्कूलों का निर्माण करना, स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाएँ, शौचालय, पेयजल सुविधाएँ जोड़ना, स्कूल सुधार अनुदान बनाए रखना | बच्चों को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें, ड्रेस प्रदान करना |
जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है वहां शिक्षको कि संख्या बढ़ाने पर जोर देना |
स्कूलों में मौजूदा शिक्षकों के कौशल और क्षमता को बढाने पर विशेष ध्यान देना | इसके अंतर्गत बच्चों में मूल्य आधारित शिक्षा के विकास को ध्यान में रखते हुए बचपन की देखभाल और शिक्षा के महत्व को समझने के लिए विशेष ध्यान देना |
प्रारंभिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण के अन्तर्गत प्रारंभ किए गए सर्वशिक्षा अभियान के परिणाम स्वरूप प्राथमिक शिक्षा का कार्य क्षेत्र विस्तृत हुआ है | इसके अन्तर्गत शिक्षा के विभिन्न कार्यक्रम तथा योजनाओं को लागू किया गया | परिणाम स्वरूप शिक्षा ने अनेकों उपलब्धियाँ को हासिल किया |
- स्कूल दाखिला अनुपात जो वर्ष 1960-61 31.1 % था वर्ष 2003-04 मैं बढ़कर 85% हो गया |
- वर्ष 2001 तक स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों की संख्या करीब 32 करोड़ थी | सर्व शिक्षा अभियान योजना के आने के बाद वर्ष 2005 तक घटकर मात्र 96 लाख के करीब आ गई |
- वर्ष 2001के बाद लगभग दो लाख नए विद्यालय खोले गए एवं 5 लाख नए शिक्षकों की नियुक्ति की गई |
- भारत सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत योग शिक्षा ( योगासन ) को भी शामिल किया है | इसके लिए कई प्रकार की योजनाएं चालाई जा रही है |
- सर्व शिक्षा अभियान ( SSA ) के तहत न सिर्फ बच्चों को बल्कि शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया गया |
- सर्व शिक्षा अभियान को MID DAY MEAL योजना से जोड़कर स्कूल में ही दोपहर मे मुफ्त भोजन दिलवाया जाता है |
- इस योजना के तहत विध्यालय के मूल भूत ढांचे और उसके रख रखाव के लिए भी बजट रखा गया ताकि नए बन रहे विध्यालय की तरह उनकी भी रूपरेखा बदली जा सके |
शिक्षा का सार्वभौमीकरण क्यों किया गया :
शिक्षा का सार्वभौमीकरण इसलिए किया गया ताकि एक निश्चित उम़ में बच्चों को परिपाक किया जा सके जैसे – कला, कौशल, तकनिकी, बाहरी ज्ञान, स्वालंबन, आत्मविश्वास, जिज्ञासु आदि गुणों के साथ विकास किया जा सके |
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सर्व शिक्षा अभियान योजना का लक्ष्य :
सर्व शिक्षा अभियान योजना का लक्ष्य प्रारंभिक शिक्षा ( प्राथमिक शिक्षा ) का सार्वभौमीकरण करता है |
सर्व शिक्षा अभियान के तहत कौन – कौन सी योजनाएँ आती है ?
सर्व शिक्षा अभियान के तहत ऐसी कई योजनाएं हैं जिन्हें वक्त वक्त पर जोडा गया |
1. पढे भारत बड़े भारत योजना (Padhe Bharat Badhe Bharat)
केन्द्र सरकार ने ” पढे भारत बढ़े भारत ” योजना सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत शुरू की है । इस योजना अन्तर्गत कक्षा 1 और 2 के बच्चों को लिखना पढ़ना तथा गणित के प्रश्न हल करने के लिए सिखाया जाएगा |
2. समग्र शिक्षा अभियान योजना –
भारत सरकार ने 2018 मे सर्व शिक्षा अभियान के साथ राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को जोड़ दिया है और इसे समग्र शिक्षा अभियान के नाम से एक नई योजना की शुरुवात की गई |
सर्व शिक्षा अभियान के मुख्य घटक :
- निशुल्क पाठ्य पुस्तकें
- BRC ( ब्लॉक रिसोर्स सेंटर )
- CRC(क्लस्टर रिसोर्स सेंटर )
- नागरिक कार्य
- विद्यालय अनुदान
- शिक्षक प्रशिक्षण
- शिक्षक अनुदान
- रिसर्च एंड डेवलपमेंट
सर्व शिक्षा अभियान की जरूरत क्यों पड़ी ?
वर्ष 1990 में विश्व कान्फ्रेंस किया गया जिसका विषय था “सबके लिए शिक्षा” इसमे सामान्य शिक्षा सुलभ न होने की वजह से इस समस्या को स्वीकार किया गया | साथ ही कान्फ्रेंस में यह भी स्वीकारा गया कि सभी देश अपने यहाँ छात्रों को सामान्य शिक्षा को अनिवार्य एवं निशुल्क रूप से लागू करें |
कान्फ्रेंस में यह भी निर्णय लिया गया कि जो देश अपने यहां बच्चों को इस प्रकार की संसाधन उपलब्ध कराने में असमर्थ होंगे उन देशों की विकसीत देश आर्थिक मदद करेंगे |
भारत ने भी इसको लागू करने के लिए संसाधनों में वृद्धि के लिए विकसित देशों से तथा विश्व बैंक से आर्थिक मदद ली और सबके लिए शिक्षा को एक क्रांति के रूप में चलाया | जिसके अन्तर्गत सर्व शिक्षा अभियान योजना माध्यमिक शिक्षा कार्यक्रम तथा शिक्षा गारंटी योजना भी शामिल है |